“तेरे होठों की तलब” तेरे होठों की याद दिल में अरमान जगाती हैं तेरे ख़ामोश होठों पर मेरी मोहब्बत गुनगुनाती है तू मेरी मैं तेरा बस यही आवाज़ आती है तेरे होठों पर लफ्ज़ भी मेरा नाम लेकर आती है तेरी होठों की तलब ऐसी कि जो पड़े बारिश की बूंँदे जो तेरे होठों को अक्सर छू जाती हैं मेरे होंठ उन्हें छूकर मदहोश होना चाहती हैं अपने होठों को आज मेरे नज़दीक आने तो दे करने दे जी भर के शरारत और गुस्ताखियांँ आज ना रोक मुझे इतना हक़ तो दे हमारी मोहब्बत का कि हमें इजाज़त ना लेना पड़े। #kkतेरेहोंठोंकीतलब #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #similethougths