मेरी जाने महबूबी ना इश्क़ है तुझसे , ना तेरी चाहत है , बस तेरे आस-पास होने से , एक सुकून मिलता है ... ©꧁༺Kǟjǟl༻꧂ارشد मेरी जाने महबूबी ना इश्क़ है तुझसे , ना तेरी चाहत है , बस तेरे आस-पास होने से , एक सुकून मिलता है ... मैं चराग़ों की तरफ़