ये बिखरती रोशनी, रात के मैखाने में कुछ न सुनाई दे, संगीत का ऐसा शोर है। फिर भी देखो जरा दीवाने शहर को, सुकूं ढूंढने चला उस ओर है।। अनजान मिलेगा आस है,दिल बहलाने को मदिरा छलकेगी,बटुए का जो जोर है। फिर भी देखो जरा दीवाने शहर को, खोकर सब कुछ निकला ऐसे,वो ही जैसे चोर है।। घर की रोशनी मद्धिम मद्धिम सी लगती है गलियों मे सन्नाटे संग अब भोर है। फिर भी देखो जरा दीवाने शहर को, जागता नहीं होश मे आकर,दिल का जरा कमजोर है।। #आवरण #दिल #मेराशहर #मैखाना #अनजान #yqquotes #yqbaba #aavran