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नारी अस्मिता इन्सान रूपी कुछ जानवर इंसानियत को शर्

नारी अस्मिता
इन्सान रूपी कुछ जानवर इंसानियत को शर्मसार करते हैं।

नारी की अस्मिता से दुर्व्यवहार करते हैं।

नारी की अस्मिता का तार-तार होना,

समाज की दुर्बलता का दर्पण है।

सभ्य सामाजिक व्यव्स्था पर प्रश्नचिन्ह है।

पीड़िता की सिसकियों का  समाज ऋणी है।।

यह सभ्यता का परचम लिए इतराता समाज है।

क्यों नहीं बचा पाता नारी की लाज है?

कुछ इन्सान जानवर से फिरते हैं।

नारी को देख शोषण करते हैं।

आधी आबादी का प्रतीक बेचैन है।

आधी आबादी मौन है।।

हमारी पावन भूमि पर।

हर रूप में नारी पूजित है।

उसी समाज की नारी फिर क्यों अपमानित होती है?

नीरज एम।

©Neeraj Misra 
  #नीरज एम/नारी अस्मिता

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