वो एक शख़्स मेरी हस्ती में,यू समाया है जहां भी जाऊ साथ चलता,जो उसका साया है मेरी आंखों को न उस के,सिवाय मंजर कोई उस की नजरों से बड़ा दुनिया में, नही खंजर कोई उसकी मुस्कान पे सौ बहार,कुर्बान सही अब मेरा इश्क़ बेजुबान हैं तो,बेजुबान सही उसे कोई नहीं तोहमत दे ये,दुनिया मिल के ये अकेला मेरा जुर्म है,मैं,गुनहगार सही मेरी दुनिया सिमट जाती है,दरमियान उस के उस को एहसास है लेकिन,ज़रा गुमान सही उसकी मासूमियत चेहरे से,झलकती तो हैं इंतेज़ार है मेरा,नज़रे उस की भी कहती तो है अब ये मेरे ख्यालों का ही,महज़ इन्काम सही उस के आगे ये दुनिया नहीं,कौड़ी भर की एक ठोकर में वार दु इसे,सदके उस के मैने बड़ी मासूम मोहब्बत की हैं,हिस्से उस के उस को मुझ से नहीं सोहबत का,कोई चाव सही अब तलक की स्याह ज़िंदगी का,सबसे दिलकश अधूरा हैं तो क्या ये सबसे खूबसूरत सा हासिल मुझे,पड़ाव सही...!!! ©ashita pandey बेबाक़ #GoodMorning Hinduism Entrance examination Kartik Aaryan Extraterrestrial life