अपने बच्चों के चेहरे पे मुस्कान देखने की खातिर कोई ऑफिस से छुट्टी लेता है, तो तो कोई ओवर टाइम लगता है कोई अपने बच्चे की ख़ुशी के लिए, ढेर खिलौने ख़रीदता है तो कोई बाजार में खुद की मुस्कान भी बेच आता है लोग न जाने क्या क्या करते है इसे पाने के लिए तेज रफ़्तार वक़्त से ख़ुशी के, कुछ पल चुराने के लिए पर वो जो मुस्कान है, वो थोड़ेही किसी दुकान पे बिकती है वो तो बस किस्मत वालो को ही मिलती है इस कसमकस ज़िन्दगी में चैन की नींद भी कोई कहा सो पता है किसी को चोरी का डर, तो किसी को उसका भूका पेट जगाता है ©MD Shahadat #mdshahadat #lockdown #poorpeople #Gareebi #Zindagi #life #poem #kavita #Family