हसरतें दिल की सुनो कब जुबां बोलती है। पाक सभी हैं, नक़ाब वक्त़ की हवा खोलती है।। मैंने कई खत उेस लिखे और जला डाले। मुझे भी सीखा दो ये दुनिया यार से कैसे कया क्या बोलती है।। Hashraten Dil Ki Suno Kab Juban Bolti Hai Pak Sabhi Hain, Nakab wakat ki hawa kholti hai Main ne kai khat use likhe or jala dale Mujhe bhi sikha do ye dunya yar se kaise kya jya bolti hai Adnan Rabbani's Shayari • #हसरतें #दिल की सुनो कब #जुबां #बोलती है। पाक सभी हैं, #नक़ाब वक्त़ की #हवा खोलती है।। मैंने कई #खत उेस #लिखे और #जला डाले। #मुझे भी #सीखा दो ये #दुनिया यार से कैसे कया क्या बोलती है।। #Hashraten #Dil Ki Suno Kab Juban Bolti Hai