क्या कुछ और भी चुकाना है जिंदगी साँसें गिनती की अब बाकी रहीं है मेरी... Thanks for inviting collab sakhi 🤗 बस यूं ही....! आजीज़ = बेबस, बे-इख़्तियार #मेरे_मन_के_मनके #madhuksang