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शे'र- ख़ामोशी में भी दास्तान-ए-दिल बयाँ होती है

शे'र-

ख़ामोशी में भी  दास्तान-ए-दिल  बयाँ होती है
तेरे हिज्र में सनम आँखें मेरी सारी रात रोती हैं भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।
शे'र-

ख़ामोशी में भी  दास्तान-ए-दिल  बयाँ होती है
तेरे हिज्र में सनम आँखें मेरी सारी रात रोती हैं भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।