यूं तो उसका दर्जा सबसे ऊंचा माना जाता है, मगर फिर भी सम्मान उसका तुच्छ किया जाता है , इस फैशन के दौर में उसे पन्नों पर तो सजाया जाता है, मगर असल ज़िन्दगी में उसे सिर्फ सताया जाता हैं, कभी गाली में शामिल ,तो कभी उसकी ही बनाई थाली को फेंक दिया जाता है , फिर फेंक थाली उसको मदर्स डे विश किया जाता है , कितनी सच्चाई है इन झूठे वादों में, जिन वादों को सिर्फ तुम्हे निभाना है ये सिखाया जाता है , गर आंखों से ओझल हो जाए कोई अपना, तो आसुओं से घर भर दिया करती है , यही वो नारी है जो खुद से पहले दूसरो के लिए झुकती है , उसको त्यागो को सराहा तो बहुत से पन्नो में जाता है , मगर उसके लिए त्याग करना जैसे सबके लिए एक नामुमकिन किस्सा बन जाता है , हजारों सवालों में उलझी वो नारी, कभी सवालों से उभर ही नहीं पाती , जिक्र करती है तन्हाइयों का तन्हा रातों से , मगर एक लफ्ज़ भी अपनों से कह ना पाती , उसकी खामोशी पर कोई ध्यान तक नहीं देता , जो दूसरों की ख़ामोशी पर जान लुटाती है, वो नारी है सबको हसाती है , खुद सह लेती है हर गम हंसकर मगर अपनो पर प्यार का साया रखती है , वो नारी है जग कल्याणी है , मैनें तो उसकी अभी इतनी सी ही परिभाषा जानी है ©Monika Dhangar(RaahiKeAlfaaz) #नारी#raahikealfaaz#nojoto#womansday#poetry#instapage#raahikealfaaz #girl