इशारों इशारों में तूने हमसे अपने दिल की बात कह दी, तूने दिन को रात कहा तो मेरे दिल में भी रात कह दी। जानता न था दिल इशारों की भाषा फिर भी समझ गया, चाहता न था गली इश्क़ की जाना फिर भी चलने लग गया। जाने तेरी बातों ने क्या मेरे इस दिल पर जादू कर दिया, चाहता न था दिल मेरा फिर भी जाने कैसे बेकाबू कर दिया। ♥️ Challenge-631 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।