ढ़ल रही है रात ठिकाना ढूंढ ही लेगा टूटा हुआ ये दिल मैखाना ढूंढ ही लेगा हर जाम में निगल लेगा सारी मरने की वजहें जीने का फिर कोई बहाना ढूंढ ही लेगा फासलों की आड़ में भी छिप ना सकोगे तुम शमा जलेगी जहाँ परवाना ढूंढ ही लेगा.. आज गुजर रहा है जो मुफलिसी के दौर से चलता रहा तो इक दिन खजाना ढूंढ ही लेगा.. पुरानी चोटों को करीने से संभाला है जिसने नई ठोकर से रास्ता वो सयाना ढूंढ ही लेगा.. आँख लगे तो हम भी मिलें तुमसे कुछ देर नींद का झोंका इक ख्वाब सुहाना ढूंढ ही लेगा.. -KaushalAlmora #love #ढूंढ_ही_लेगा #मैखाना #खज़ाना #दिल #yqdidi #yqpoetry #kaushalalmora