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जब भी किनारे पर मैं पहुंचूं/ ना जाने क्यूं मन घबरा

जब भी किनारे पर मैं पहुंचूं/
ना जाने क्यूं मन घबराए!

बीते पल के छलावे 
क्यों मुझे छलते जाएं-

आशा थी जो मन को मेरे/ 
मन के भीतर आग लगाएं!!

©seema kapoor जीवन चक्र

जीवन चक्र

#Life
जब भी किनारे पर मैं पहुंचूं/
ना जाने क्यूं मन घबराए!

बीते पल के छलावे 
क्यों मुझे छलते जाएं-

आशा थी जो मन को मेरे/ 
मन के भीतर आग लगाएं!!

©seema kapoor जीवन चक्र

जीवन चक्र

#Life

जीवन चक्र जीवन चक्र #Life