सूरज की कोमलता हमें यह बतला रही है, अब सर्दी का मौसम आ रही है। तन पर धीरे धीरे कपड़े भा रही है। अब सर्दी का मौसम आ रही है। गर्म कपड़े फिर से बाहर आ रही है, अब तो सर्दी का मौसम आ गयी है। देखों मम्मी अब आला लगा रही है, अब तो सर्दी आ गयी है। चाचा चाची ताऊजी और भैया, सभी अपने अपने हाथ को गर्मा रहे हैं, दादी खाट पर बैठी कंबल ओढ़ अपने वही पुराने गीतों गा रही है। जो हमें यह बतला रही है अब तो सर्दी का मौसम आ रही है।। ##स्वागतम् प्रिय सर्दी जी।