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आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की मना रहें है बड़े उत्साह

आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की
मना रहें है बड़े उत्साह से हम इसे सभी
प्रश्न है मेरा देशवासियों से यही ,कि
क्या सच में आज़ादी देश की 75 बरस की हुई ..
जो नक़्शे में दिखता है भारत हमारा
क्या सच में ऐसा बना पाए हम उसे 
न धर्म से न कर्म से न जाति से न ग़रीबी और अमीरी से
फ़र्क़ आज भी है वही ,जो था पहले कभी
भ्रष्टाचार की जड़ें यहाँ गहरी हैं बड़ी 
न सूखती है न ही भस्म होंगी ये कभी
महल खड़े हैं जवानों की कब्र पर यहाँ 
राजनीति से गन्दा यहाँ कोई क्षेत्र नहीं
काग़ज़ के टुकड़ों के लिए होते हैं सौदे जहाँ 
बिक रहा है ईमान यहाँ पानी की तरह
माँ भारती को छलनी होना पड़ता है पल पल में यहाँ 
चीर कर धरती का सीना फसलें उगती थी जहाँ 
आज लालच की फसलें उगती हैं वहाँ 
फ़ायदे के लिए अपनों का भी सौदा होता देखा है हमने
आज़ादी के दीवानों ने खून के कतरे कतरे से सींचा था जिस धरती को 
अब जवानों की शहादत पर राजनीति की रोटियाँ सिकती हैं यहाँ 
सुरक्षित नहीं बहन बेटियाँ अपने कुटुम्ब और समाज में अब
भारत माँ की लाज कोई क्यूँ बचाएगा यहाँ 
दर्द बड़ा सीने में छुपा के रखा है मैंने 
एक ज्वालामुखी दिल में दबा है कब से
बलि चढ़ते वीरों के लिए एक टीस सी उठती है दिल में मेरे
क्या आपके सीने में भी ऐसा दर्द होता है कभी
क्यूँ अपने से बाहर निकल कर आते नहीं कभी हम 
हम से मैं हो गए ,क्या फिर से मैं से निकलकर बन सकते नहीं हम 
देश की सोचें तो बात बड़ी है 
नहीं तो कुछ भी नही
जज़्बे और खून में कमी है कहीं 
जो दिल से देश की मिट्टी को माँ कहते नही
करो प्रण इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी
दिखाने के लिए तिरंगा फहराओ मत
दिल से भावनाओं से जुड़ कर एक दूसरे से सब
माँ भारती की करेंगे सदा रक्षा हम
आँच न आने देंगे इस मिट्टी पर कभी
बन  के रहेंगे सहारा सदा एक दूसरे का हम
जय हिन्द ! Hello Resties! ❤️ 

Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 

आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की
मना रहें है बड़े उत्साह से हम इसे सभी
प्रश्न है मेरा देशवासियों से यही ,कि
क्या सच में आज़ादी देश की 75 बरस की हुई ..
आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की
मना रहें है बड़े उत्साह से हम इसे सभी
प्रश्न है मेरा देशवासियों से यही ,कि
क्या सच में आज़ादी देश की 75 बरस की हुई ..
जो नक़्शे में दिखता है भारत हमारा
क्या सच में ऐसा बना पाए हम उसे 
न धर्म से न कर्म से न जाति से न ग़रीबी और अमीरी से
फ़र्क़ आज भी है वही ,जो था पहले कभी
भ्रष्टाचार की जड़ें यहाँ गहरी हैं बड़ी 
न सूखती है न ही भस्म होंगी ये कभी
महल खड़े हैं जवानों की कब्र पर यहाँ 
राजनीति से गन्दा यहाँ कोई क्षेत्र नहीं
काग़ज़ के टुकड़ों के लिए होते हैं सौदे जहाँ 
बिक रहा है ईमान यहाँ पानी की तरह
माँ भारती को छलनी होना पड़ता है पल पल में यहाँ 
चीर कर धरती का सीना फसलें उगती थी जहाँ 
आज लालच की फसलें उगती हैं वहाँ 
फ़ायदे के लिए अपनों का भी सौदा होता देखा है हमने
आज़ादी के दीवानों ने खून के कतरे कतरे से सींचा था जिस धरती को 
अब जवानों की शहादत पर राजनीति की रोटियाँ सिकती हैं यहाँ 
सुरक्षित नहीं बहन बेटियाँ अपने कुटुम्ब और समाज में अब
भारत माँ की लाज कोई क्यूँ बचाएगा यहाँ 
दर्द बड़ा सीने में छुपा के रखा है मैंने 
एक ज्वालामुखी दिल में दबा है कब से
बलि चढ़ते वीरों के लिए एक टीस सी उठती है दिल में मेरे
क्या आपके सीने में भी ऐसा दर्द होता है कभी
क्यूँ अपने से बाहर निकल कर आते नहीं कभी हम 
हम से मैं हो गए ,क्या फिर से मैं से निकलकर बन सकते नहीं हम 
देश की सोचें तो बात बड़ी है 
नहीं तो कुछ भी नही
जज़्बे और खून में कमी है कहीं 
जो दिल से देश की मिट्टी को माँ कहते नही
करो प्रण इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी
दिखाने के लिए तिरंगा फहराओ मत
दिल से भावनाओं से जुड़ कर एक दूसरे से सब
माँ भारती की करेंगे सदा रक्षा हम
आँच न आने देंगे इस मिट्टी पर कभी
बन  के रहेंगे सहारा सदा एक दूसरे का हम
जय हिन्द ! Hello Resties! ❤️ 

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आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की
मना रहें है बड़े उत्साह से हम इसे सभी
प्रश्न है मेरा देशवासियों से यही ,कि
क्या सच में आज़ादी देश की 75 बरस की हुई ..
ada1759579218703

Ada

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Hello Resties! ❤️ Collab on this rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 आज़ादी हुई हमारी 75 बरस की मना रहें है बड़े उत्साह से हम इसे सभी प्रश्न है मेरा देशवासियों से यही ,कि क्या सच में आज़ादी देश की 75 बरस की हुई ..