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गेहूँ सरसों के पकने को, जरूरत है ज्यों जाड़े की । क

गेहूँ सरसों के पकने को,
जरूरत है ज्यों जाड़े की ।
कलम को स्याही की है और,
कण्डक्टर को भाड़े की।।
भँवर को फूल की है और
बाजे को नगाड़े की।
मुझे तेरी जरूरत है,
पजामे को ज्यों नाड़े की।।

🤣परेशान🤣

©Jitendra Singh #देशी आशिक anjali foujdar Veerendra Bagri Dharmendra Singh ram singh yadav ALPESH PATEL
गेहूँ सरसों के पकने को,
जरूरत है ज्यों जाड़े की ।
कलम को स्याही की है और,
कण्डक्टर को भाड़े की।।
भँवर को फूल की है और
बाजे को नगाड़े की।
मुझे तेरी जरूरत है,
पजामे को ज्यों नाड़े की।।

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©Jitendra Singh #देशी आशिक anjali foujdar Veerendra Bagri Dharmendra Singh ram singh yadav ALPESH PATEL