पल्लव की डायरी आहार पानी मे मिला,केमिकल्स यूरिया पेस्टीसाइड से,जहर फसलो में लहराता है इंजेक्शन लगाकर दूध पशुओ का हानि कर नसों को गलाता है प्रयोगशाला बना है मानव रोगों का घर कहलाता है केंसर के सामान, ड्रग,चरस,शराब,गुटका सत्ता और सियासतों के संरक्षण में पलते है चेतावनी छापना नाटक लगता है इनके चुनावी खर्चे का जरिया यही से बनता है जुर्माना और कुछ धरपकड़ कर,दिखावा करना आता है घर बार बेच बेचकर ,रोगों से हर परिवार डूब जाता है रंग बदलती सियासतों के दवाब में केंसर जैसी बीमारियों से, भारत का नागरिक असमय में मरजाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" प्रयोगशाला बना है मानव,रोगों का घर कहलाता है