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//इश्क़ की हिचकियाँ// ******************* इश्क़ की ह

//इश्क़ की हिचकियाँ//
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इश्क़ की हिचकियाँ, रह-रहकर हमें सताती हैं।
जाने क्यूँ आजकल, उनकी याद बहुत दिलाती हैं।
ज़ुल्फों की बदलियाँ, रुखसार पर जब छाती हैं।
यूँ लगता है जैसे, इश्क़ की फ़िज़ाएं मुस्कुराती हैं।

उन दिनों की मस्तियाँ, जब भी हमें याद आती हैं।
दिल उदास हो जाता है, साँसें थम सी जाती हैं।
वो भी क्या दिन थे जब हम, साथ थे, खुश थे।
उनकी आवाज सुने बिना, हमें नींद नहीं आती है।

जब भी सोचता हूँ मैं, एक पल को उनके बारे में।
ऐसा लगता है वो मुझे, हर पल मिलने बुलाती हैं।
एक अरसा बीत गया है, हमें उनसे मिले-बिछड़े।
उनकी याद आज भी, जाने क्यूँ इतना रुलाती हैं। कोरा काग़ज़ Subscriber Challange-15
विषय :- इश्क़ की हिचकियाँ

Pic Credit :- Pinterest

इश्क़ की हिचकियाँ, रह-रहकर हमें सताती हैं।
जाने क्यूँ आजकल, उनकी याद बहुत दिलाती हैं।
ज़ुल्फों की बदलियाँ, रुखसार पर जब छाती हैं।
//इश्क़ की हिचकियाँ//
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इश्क़ की हिचकियाँ, रह-रहकर हमें सताती हैं।
जाने क्यूँ आजकल, उनकी याद बहुत दिलाती हैं।
ज़ुल्फों की बदलियाँ, रुखसार पर जब छाती हैं।
यूँ लगता है जैसे, इश्क़ की फ़िज़ाएं मुस्कुराती हैं।

उन दिनों की मस्तियाँ, जब भी हमें याद आती हैं।
दिल उदास हो जाता है, साँसें थम सी जाती हैं।
वो भी क्या दिन थे जब हम, साथ थे, खुश थे।
उनकी आवाज सुने बिना, हमें नींद नहीं आती है।

जब भी सोचता हूँ मैं, एक पल को उनके बारे में।
ऐसा लगता है वो मुझे, हर पल मिलने बुलाती हैं।
एक अरसा बीत गया है, हमें उनसे मिले-बिछड़े।
उनकी याद आज भी, जाने क्यूँ इतना रुलाती हैं। कोरा काग़ज़ Subscriber Challange-15
विषय :- इश्क़ की हिचकियाँ

Pic Credit :- Pinterest

इश्क़ की हिचकियाँ, रह-रहकर हमें सताती हैं।
जाने क्यूँ आजकल, उनकी याद बहुत दिलाती हैं।
ज़ुल्फों की बदलियाँ, रुखसार पर जब छाती हैं।