इस तरह बुलंद अपनी हस्ती नही करूँगा । मैं पेड़ो को काटकर बस्ती नही करूँगा । गुस्ताखी यह की कोई पसन्द आ गया , नियत है यह की जबरदस्ती नही करूँगा । ✍️विनोद #vinodmehra #vinodmehrashayari #vinodmehra_shayri #girl