ज़िन्दगी की असली उड़ान तो अभी बाकी है ना जाने ऐसे तो कही इम्तहान अभी बाकी है अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी भर जमी अभी तो सारा आसमा बाकी हैं jindagi ki asli udan