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कुछ ग़ज़लें कुछ कहानियां कुछ खामोश पड़ी ये पत्ति

कुछ ग़ज़लें कुछ 
कहानियां
कुछ खामोश पड़ी 
ये पत्तियां
कितना कुछ 
खामोश है ,
बस एक सदा 
सुनाई देती है ,
तुम्हारे नाम की ....
काश ! 
कि पल भर को 
तुम आते ..
सुहाना हो जाता ,
ये मोसम 
बिल्कुल तुम्हारी
तरह.

©Deepti Garg
  #Pattiyan #deeptigarg #dilkikalamse ❤✍🏼