रंज-ए-ग़म से अपनी भी कश्ती उभर जायेगी। आब-ए-तल्ख़ को भी थमनें की वज़ह मिल जायेगी। -Rekha $harma #आब-ए-तल्ख़ (आँसू) #Rekhasharma