प्रीत के चेहरे जग देखेंगे गीत जो तेरी हम लिखेंगे झूठी क्यों न प्रीत हो तेरी कविता की सच्ची दर्पण बनने को तुम आ जाओ आ जाओ मुझसे प्यार करो कि कविता मेरी बुला रही। #drgkpoetry