मेरे इरादों की मजबूती चट्टानों से कहीं ज्यादा है मेरे हौसलों की उड़ान के लिए आसमान भी आधा है। मुँह की खायेंगे दुश्मन मेरे कुछ भी बुरा ठान लें करूंगा चारों खाने चित बस यही मेरा इरादा है। अटका ले रोड़े चाहे जितने तू चल चालें जितनी भी कामयाब हाँगा में हर हाल ये मेरा तुझसे वादा है। मेरे इरादों की मजबूती चट्टानों से कहीं ज्यादा है मेरे हौसलों की उड़ान के लिए आसमान भी आधा है। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 28.07.2020 बुलंद