Nojoto: Largest Storytelling Platform

थक गया हुँ दौड़ते-दौड़ते, अब आराम चाहता हु । मैं

थक गया हुँ दौड़ते-दौड़ते,
अब आराम चाहता हु ।

मैं अपने अर्थ का नही;
अपना सम्मान चाहता  हुँ I नदियों को बात
थक गया हुँ दौड़ते-दौड़ते,
अब आराम चाहता हु ।

मैं अपने अर्थ का नही;
अपना सम्मान चाहता  हुँ I नदियों को बात