वो इन मुस्तकिम राहों पर ही भटक गया हवाओं के इशारों पर ही बहक गया ना जाने उसे किस चीज़ का नशा था किसी गैर के दो लफ़्ज़ों पर ही बहक गया उसके एक ऐतबार पर, हर भरोसे से बहक गया एहतराम के अंजाम पर, उस एक भरोसे से बहक गया वो उस गैर को अपना समझने लगा था उस वक़्त तक ख़ुद वो, अपनों से ही बहक गया.... -: bahak gaya :- #shayri #Shayar #shayrilover #shayrikakhajana #shayrana #shayri_ki__dayri #Shayrii #shayari143 #shayries