लफ़्ज खामोश है लफ़्ज़ खामोश है मेरे तू अगर बोल दे थाम लूँगा मै दिल तू साज कोई छेड़ दे लाखों दिल पर गिर पडे़गी बिजलियाँ अपनी लहराती जुल्फ़ो को यू सरेआम खोल दे झुकायी क्यू है तुमने पलके इन आँखो की सुना है मदिरा से ज्यादा नशा है इन आँखों मे अब उठाना ना अपनी पलको यू ही कही वरना लग ना जाये मैखानो मे ताले कही चाँद से ज्यादा खूबसूरत है चेहरा तेरा फिर भी नैनो से बाण क्यू छोड़ती हो तुम छुपा कर रखा करो इस हसीं मुखडे़ को उस अमावस के चाँद की तरह वरना लाखों बिक जायेंगे इस चेहरे पर बेमोल ही आयुष अवस्थी #huge crush