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मर्ज़ नहीं है कोई मेरा बस मरीज़ हूँ तुम्हारा लाइलाज़

मर्ज़ नहीं है कोई मेरा
बस मरीज़ हूँ तुम्हारा
लाइलाज़ सी हैं तुम्हारी यादें,
कोई इलाज नहीं है मेरा।
तुम आओ थोड़ा बैठो यहां
थोड़ा सा दिया गया वक़्त ही इलाज है मेरा।
कभी धड़कन बढ़ जाती है,तो कभी रक्तचाप,
थोड़ा सा हाथ पकड़ लो,दिल काबू में आ जाये मेरा।

©Richa Dhar दिल काबू में आ जाये मेरा✍️✍️✍️

#holdinghands
मर्ज़ नहीं है कोई मेरा
बस मरीज़ हूँ तुम्हारा
लाइलाज़ सी हैं तुम्हारी यादें,
कोई इलाज नहीं है मेरा।
तुम आओ थोड़ा बैठो यहां
थोड़ा सा दिया गया वक़्त ही इलाज है मेरा।
कभी धड़कन बढ़ जाती है,तो कभी रक्तचाप,
थोड़ा सा हाथ पकड़ लो,दिल काबू में आ जाये मेरा।

©Richa Dhar दिल काबू में आ जाये मेरा✍️✍️✍️

#holdinghands
richadhar9640

Richa Dhar

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