ख़ुद के ही सवालों का दूसरों में ज़वाब दुढ़ता हूं ; जो हाल कल तेरा था आज ख़ुद मै उसको जीता हूं ! गर भरोसा ना हों तो पूछ लेना दुनियां वालों से ; मैं अब भी हर शहर हर गली में बस तुझको ढूंढता हूं ! ख़ामोश हों चुका हूं अपने आप में कुछ इस तरह ; बस उसी खामोशी में तेरे शोर को ढूंढता हूं.....!☘️! { beनाम } #खामोशी_में_तेरे_शोर_को_ढूंढता_हूं #alone