एक प्यारी सी मुस्कान से करतीं थी जो अपने दिन की शुरुआत कभी जो अपने घर में चिड़ियों की तरह चहकती थी अपने पापा के पीछे जा छिपती थी छोटे भाई से गुस्सा होकर खेल-खेल में कब बड़ी हो गयी वक़्त का पता ही नहीं चला अब वो माँ-पापा की बेटी से कहीं की बहू बनने वाली हो गई अब जो चिड़िया थी कभी अपने घर की पराई बन गई अब वो तो अब सबके लिए आजकी बेटी की है ये कहानी जो लिखी गई है एक बेटी की जुबानी #beti ki kahani