राणा जी के संग मैं चलाके, दिवान सहाब ने भगतो का पार तारया बेड़ा। जुग जुग बसियो मेरे बाबा जी तेरे , वो जांसल शहर का खेड़ा। (जय दादा नाहर सिंह दिवान की🚩) ©om_shiv_gorakhnath Jai dada nahar Singh Diwan