हर पल एक शोर रहता है मेरी तन्हा रातों में हर रात मेरी आंखें चांद से कई सवाल करती हैं ©Prashant Shakun "कातिब" #inspired_post inspierd by स्वेच्छा ji's lines🤫 कभी किसी को मुकम्मल जहां नही मिलता कहीं ज़मी तो कही आस्मां नही मिलता जिसे भी देखिए वो अपने आप मे गुम है