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वो चीढ़ों की हवा.... वो चीढ़ों की हवा जब कानों क

वो चीढ़ों की हवा.... 

वो चीढ़ों की हवा जब कानों को छूती थी
लगता था मानो यूँ कहती थी
कि किसी का संदेसा है जो तुम्हें सुनाने को लाई हूँ
कोई आमद पर शक़ न करे मेरे इसीलिए घटा को साथ लाई हूँ
उस किसी ने पैग़ाम यूँ भेजा है
तुमसे कहा है
कि उस घाटी की रानाई पर न फ़िदा हो जाना
वो सालों से अपने अंदर न जाने कितना कुछ समाए बैठी है
तुम्हें बातों में ही उलझा रखेगी
उस नदी की नागिन सी बलखाती कमर के क़ायल न बन जाना
कि उसका तो मुक़ाम समंदर ही है
बच्चों की तरह मुस्कुराते, झूलते हुए उन पत्तों से कह न देना राज़ की बातें
कि किसी झोंके के साथ तुम्हारे दिल की ख़बर सारी क़ायनात को हो जाएगी "वो चीढ़ों की हवा..." - 1

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वो चीढ़ों की हवा.... 

वो चीढ़ों की हवा जब कानों को छूती थी
लगता था मानो यूँ कहती थी
कि किसी का संदेसा है जो तुम्हें सुनाने को लाई हूँ
कोई आमद पर शक़ न करे मेरे इसीलिए घटा को साथ लाई हूँ
उस किसी ने पैग़ाम यूँ भेजा है
तुमसे कहा है
कि उस घाटी की रानाई पर न फ़िदा हो जाना
वो सालों से अपने अंदर न जाने कितना कुछ समाए बैठी है
तुम्हें बातों में ही उलझा रखेगी
उस नदी की नागिन सी बलखाती कमर के क़ायल न बन जाना
कि उसका तो मुक़ाम समंदर ही है
बच्चों की तरह मुस्कुराते, झूलते हुए उन पत्तों से कह न देना राज़ की बातें
कि किसी झोंके के साथ तुम्हारे दिल की ख़बर सारी क़ायनात को हो जाएगी "वो चीढ़ों की हवा..." - 1

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