हमारे ख्वाब सहम रहे थे, पंख ना थे इस मन में छोटी छोटी बातें बहुत थी ज्ञान नहीं था इस तन में मै पतझड़ के पत्तो सा बहता अगर आप जो नहीं होते परिश्रम का विश्वास जगाया आप सभी गुरुजन ने ©गंगवार रामवीर #ramveer #ramveer_gangwar