हमारी जनरेशन में इश्क प्रॉफिट एंड लॉस टाइप की बैलेन्स शीट बनके रह गया जहां ज़िन्दगी में आने वाली समस्त महिलाएं एक सौदे की तरह रही जब खाली रहे तो बिजनेस मंदा वाली फीलिंग आई और बैठ के आज तक कैलकुलेट कर रहे कि लॉस कहां हुआ कहां प्रॉफिट... बस रोटी दाल चली है इश्क में । और आज की जनरेशन मैं मुझे वो लोग बहुत पसंद है । जो गिनती में न के बराबर है जो आज भी इश्क़ को profit एंड loss की तरह नही देखते....वो जो आज भी यकीं करते है किताबो में लिखे इश्क़ पर...ऐसे कुछ लोग हमेशा profit loss वालो के हाथो टूट जाते है।✍🏻🙌🏻