कहाँ को चले थे, चलते चलते यूं ही, उनसे रास्ते में मिले थे, फिर तो ना मंजिल की रही खबर, ना रहा रास्तों का ठिकाना, चल रहे थे मगर था सफर सुहाना!! तुम कहाँ रह गए, हम कहाँ रह गए!... #कहाँरहगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi