बेशक, मै एकेला खडा हु.. कोई गम नहीं! पत्ता-पत्ता दाली-दाली सुखा.. कोई पर्वा नहीं.. बस्स..मुझे इंतजार हैं एक बुंद का जो बरसेगा उस आखोंसे.. जिनसे मेरी तमन्ना हैं!. जीवनधारा