वो जिसे दिल को दिमाग़ में रखना पड़ता है, शब्दों में इजहारे बयां ना कर, चेहरे पे शख्ति का लिबास पहना, पूरे परिवार का ढाल बन , चोट छुपाए फिरना पड़ता है।। चारदीवारी पे छत के लिए अपने सपनों को भूल लिए बच्चो की खुशियों को लाने में, जाने कितने अपने ख्वाहिशों को नीलाम करना पड़ता है। एक इंसा से पिता कहलाने में, दिल को दिमाग़ में रखना पड़ता है।। प्रेरणा सिंह #फादर्स डे