हे खुदा तेरे दरबार में ऐसे जुर्म का फैसला में देरी क्यों होता है जब कोई अपनी फ़र्ज़ को ऐसे आदा करता है क्या तुमको आघात नहीं पहुंचता है जब तेरे प्रतिबिंब को कोई ऐसे चोट पहुंचता है -अमरजीत (ये पंक्ति जिस घटना को दर्शाती है वह वीडियो लिंक नीचे है 👇 (https://www.facebook.com/103094944635855/posts/160578278887521/?app=fbl) 👇. https://www.facebook.com/103094944635855/posts/160578278887521/?app=fbl