जिहाल-ए-मस्ती मकुन-ब-रन्जिश, बहाल-ए-हिज्र बेचारा दिल है सुनाई देती है जिसकी धड़कन तुम्हारा दिल या हमारा दिल है !!! जिहाल-ए-मस्ती मकुन-ब-रन्जिश, बहाल-ए-हिज्र बेचारा दिल है सुनाई देती है जिसकी धड़कन तुम्हारा दिल या हमारा दिल है #satishjayaswal #satish #dontworrybehappyforever #645624