अरे भीगी ये भीगी, जो पवन है चली पलकों को, मेरी, यह दे रही है हँसी गिरती हैं, बूँदों सी, तुम देखो तो ज़रा मेरे होंठो पे, यह है, कैसी आ के थमी अरे भीगी ये भीगी, जो पवन है चली 🎸💦 अंगारे यूँ उठते हैं, इन हसरतों में बुझती नहीं है, यह दिल की लगी जितना भी भीगूँ, मैं तेरे इश्क में चिंगारी, है दिल में, उतनी धहकने लगी अरे भीगी ये भीगी, जो पवन है चली 🎸💦 बारिशों का यह मौसम, है महकने लगा तेरी यादों में मैं हूँ, अब यूँ घुलने लगी पर्वतों से जो आती है, नदिया की धारा ऐसे एहसासों से, मैं हूँ, अब मचलने लगी अरे भीगी ये भीगी, जो पवन है चली 🎸💦 रिमझिम सी रिमझिम, तेरी बातों की जो, खनक है सुरों में, मैं उन के, अब हूँ बहकने लगी बादलों की जमीं पे, तुम पाँव रख, आ जाओ अभी यह वर्षा, तुम्हें देखने को, है अब तरसने लगी अरे भीगी ये भीगी, जो पवन है चली 🎸💦 हाँजी वर्षा जी 🙋🏻♂️💖🤘 कैसा लगा यह surprise आपको और यह गीत भी, यह एक वर्षा ऋतु का गीत है, अब आपका नाम वर्षा है तो ऐसा ही गीत लिखूँगा ना 🤷🏻♂️🙆🏻♂️😛 बस इसीलिए यह वर्षा ऋतु का गीत आपको समर्पित कर रहा हूँ, इसे इस मित्र की सप्रेम भेट के रूप में स्वीकार कर लेना please 🙋🏻♂️💖🤘 और हाँ आपका नाम भी डाल दिया है इसमें, बहुत सोचना पड़ा मेको इसके लिए 🤔😂🤣 आप ज़िन्दगी में हमेशा शिखर की ऊँचाईयों को हासिल करें, मेरी तहे दिल से यही दुआ है आपके लिए 🙋🏻♂️🤘 Keep Writing 💓 Keep Shining and 💓 Keep Smiling forever Varsha ji 🙋🏻♂️😊💓