ये दुनिया झूटी है कबीरा सामने तो कहती है सब बराबर है हा किसी बात का कोई भेद नहीं है दलित वर्ग को पानी पिला लोटा अलग रख देना बराबर है चुकी वो मांस का भक्षण किया करते है हा गलत है सबके सामने किया करते है हा किसी बात का कोई भेद नही है तुम सबको बताकर करते हो हम छुपाकर करते है ,बराबर है राम ने सबरी के झुटे खाये थे ये बात भी कोरी कल्पना लगती है छुवा - छूत तो हर जगह चलती है पानी भी ना पीना ऊपर से पानी पिलाना हा किसी बात का कोई भेद नहीं है इस बात पर हमें कोई खेद नहीं है शिवराज खटीक #छुवाछूत हा सब बराबर है