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चुप रहता हूं अभी, कुछ मजबूरी है मेरी।
कमजोर नहीं हूं, अन्दर बहुत हिम्मत है।
जिस दिन मजबूरी ख़तम होगी।
उस दिन आपको बहुत हिम्मत चाहिए होगी,
मेरे सामने खड़े होने के लिए।
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चुप रहता हूं अभी, कुछ मजबूरी है मेरी।
कमजोर नहीं हूं, अन्दर बहुत हिम्मत है।
जिस दिन मजबूरी ख़तम होगी।
उस दिन आपको बहुत हिम्मत चाहिए होगी,
मेरे सामने खड़े होने के लिए।
yogeshyv6014

YogesH yv

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