अदा ए गम्ज़ा हाल ए दिल बयां कर जाएं, दिल फ़िगारी की हालत सर ए निहां थी, कोई तरीका से हमारा भी चारासाज़ होगा, एजाज़ ए फ़लक की किरण नाम ए वफा थी, अकीदें वफा ए महोब्बत ही हमने सीखा था, वरना सोच ए गम में तुमने तो कमी ना की थी, राह ए उल्फत में रोज़ गुजरे हमारा पल - पल, ज़ेरे-लब पे ब-फज़ल ए खुदा रिवायतें प्यार की थी। मुतवज्ज तेरी मासूम अदा का हुआ मेरा हर रोम, वरना इस ज़माने में हुस्न ए बहार बहार बहुत थी। #कोईतरीक़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रोज़ी_संबरीया