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तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा। तुम

तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा।
तुमसे अपना हर इक राबता निभाता रहूँगा।

मैंने तुम्हें पा लिया,या खो दिया है तुम्हें।
बस इस कशमकश को दोहराता रहूँगा।

तुम मुझे चाहो या ना चाहो, कोई फ़र्क नही।
मैं तो बस तुम्हें चाहता हूँ और चाहता रहूँगा।

तुम शायद मेरे अपने हो या फिर कोई सपने हो।
इस एहसास को याद करता भूल जाता रहूँगा।

तुम ज़ारी रखना मेरे इस ज़हन में आना-जाना।
मैं भी तो तुम्हारी सुध-बुध में आता-जाता रहूँगा।

ना जानें कौन सी डोर है,हम दोनों जिसके छोर हैं।
तुम उलझाती रहना उसको मैं फ़िर सुलझाता रहूँगा। तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा।
तुमसे अपना हर इक राबता निभाता रहूँगा।

मैंने तुम्हें पा लिया,या खो दिया है तुम्हें।
बस इस कशमकश को दोहराता रहूँगा।

तुम मुझे चाहो या ना चाहो, कोई फ़र्क नही।
मैं तो बस तुम्हें चाहता हूँ और चाहता रहूँगा।
तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा।
तुमसे अपना हर इक राबता निभाता रहूँगा।

मैंने तुम्हें पा लिया,या खो दिया है तुम्हें।
बस इस कशमकश को दोहराता रहूँगा।

तुम मुझे चाहो या ना चाहो, कोई फ़र्क नही।
मैं तो बस तुम्हें चाहता हूँ और चाहता रहूँगा।

तुम शायद मेरे अपने हो या फिर कोई सपने हो।
इस एहसास को याद करता भूल जाता रहूँगा।

तुम ज़ारी रखना मेरे इस ज़हन में आना-जाना।
मैं भी तो तुम्हारी सुध-बुध में आता-जाता रहूँगा।

ना जानें कौन सी डोर है,हम दोनों जिसके छोर हैं।
तुम उलझाती रहना उसको मैं फ़िर सुलझाता रहूँगा। तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा।
तुमसे अपना हर इक राबता निभाता रहूँगा।

मैंने तुम्हें पा लिया,या खो दिया है तुम्हें।
बस इस कशमकश को दोहराता रहूँगा।

तुम मुझे चाहो या ना चाहो, कोई फ़र्क नही।
मैं तो बस तुम्हें चाहता हूँ और चाहता रहूँगा।

तुम्हें चाहना मेरा हक है,तुम्हें चाहता रहूँगा। तुमसे अपना हर इक राबता निभाता रहूँगा। मैंने तुम्हें पा लिया,या खो दिया है तुम्हें। बस इस कशमकश को दोहराता रहूँगा। तुम मुझे चाहो या ना चाहो, कोई फ़र्क नही। मैं तो बस तुम्हें चाहता हूँ और चाहता रहूँगा। #जाता #आता