हवा और दुपट्टा एक उम्र थी जब जी करता था कि हवा संग उड़ान भरूँ जिस ओर हवा चले उस ओर दुपट्टा उड़ाती तितली बन उड़ती फिरूँ आज उम्र है कि हवा चले ना चले दुपट्टा संभाले फिरती हूँ #हवा #दुपट्टा #nojotowritersclub #nojotohindi #nojotoquotesforall