छोड़ जाता है घर बेटा, बेटी की तरह ही। फर्क इतना है, किसी और का घर सम्हले, वह इसलिये जाती है। हम अपने घर को सम्हाल सके, इसलिए जाते है।। माँ-बाप की याद हमे भी आती है, और उन्हें भी आती है। फर्क इतना है, वह रो कर दिखा जाती है। हम हंस कर छुपा जाते है।। दर्द वह भी सहती हैं, दर्द हम भी सहते है। फर्क इतना है, वह ससुराल में बिलखती है। हम समाज मे मुस्कुरा जाते है।। अकेलापन हमे भी चुभता है, उन्हें भी चुभता है। फर्क इतना है, वह लोगो के बीच,अकेली होती है। हम लोगोे के बीच,उलझकर रह जाते है।। सांत्वना की जरूरत, उन्हें भी है,हमे भी है। फर्क इतना है, वह भावना में बह जाती है। हम जिम्मेदारियों में ठहर जाते है।। #gif