गवाह रहना मैंने उसे नेक नियतो से चाहा है उससे कुछ माँगा नहीं मगर उसे मेरा सब कुछ दे दिया। अपनी तिश्नगी को काबु मे रखा उसकी इजाज़त के बगैर उसे छुआ भी नहीं। काँटे पड़े थे उस कली के दरमियान मैंने वो निकाल कर उसे हासिल ना किया वो एक दिन खुद आयेगी दीवानों की तरह ये इख़्तियार भी उसी के हक्क मे दे दिया। #yolewrimo में आज का ख़त #तारीख़केनाम #letters #yqsayyed #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi