तेरे सारे खत,तेरे सारे वादे, तेरा अक़्स, तेरी यादे, उन सब को जला देंगे,उन सब को मिटा देंगे, मसला दिल लगाने का ही तो है, कहीं और लगा लेंगे, मेरी वफाओ से खेल न पाएेगी वो, मुझे नये सिरे से वादों में फांस न पाएगी वो, गर फिर भी करेगी दुबारा गुस्ताखी एेसी, तो नजरो से तो उतरी ही थी,दिल से भी निकल जाऐगी वो। और अब तो आदत पड चुकी हैं ईश्क में धोखा खाने की गर फिर धोखा देगी, तो फिर से खा लेंगे, मसला दिल लगाने का ही तो है, कही और लगा लेंगे। कोई दुसरी पटा लेंगे। #कोई_दुसरी_पटा_लेंगे #love_poetry