Nojoto: Largest Storytelling Platform

ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं ग़म फुरसत में थे ठहर

ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं 

ग़म फुरसत में थे ठहर गए,

लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है,

पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़

 जाते है,
___________________________

मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,,
ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं 

ग़म फुरसत में थे ठहर गए,

लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है,

पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़

 जाते है,
___________________________

मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,,